आदि कवि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना का आदर्श है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा अपने ग्रंथ में वर्णित स्थल जिन्हें राम-जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है। ऐसे लगभग 280 स्थल आज भी सम्पूर्ण भारत में विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश में राम-जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग के अन्तर्गत अनेक स्थल विद्यमान हैं, जहां पर भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यताएं आज भी सुरक्षित हैं। ऐसे महान महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्रीय मूल्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार व जन सामान्य को इससे जोड़ने के उद्देश्य से दिनांक 07 अक्टूबर, 2025 को महर्षि वाल्मीकि जयन्ती प्रदेश के समस्त जनपदों में भव्य रूप से निम्नानुसार मनाये जाने का कार्य किया जाना है।